Old Pension Scheme Good News: पुरानी पेंशन योजना पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ चूका है काफी लोग इस फैसले का कितने दिनों से बेसब्री से इन्तिज़ार कर रहें थें। मेदे रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को सख्त चेतावनी दी है कि अगर 4 सितंबर 2025 तक शिक्षामित्र से शिक्षक बने याचियों की पुरानी पेंशन पर कोई फैसला नहीं लिया गया, तो सचिव को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की अदालत ने दिया है। याचिका रमेश चंद्र और 36 अन्य शिक्षकों की तरफ से दाखिल की गई थी। आइए जानतें हैं की पूरा मामला क्या है कोर्ट का आदेश से लेकर शिक्षकों की क्या है मांग सब कुछ विस्तारपूवर्क बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्र योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में तक़रीबन 2 लाख से अधिक शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई थी। बाद में इनमें से हजारों शिक्षामित्रों को सीधी भर्ती के जरिए सहायक अध्यापक (प्राथमिक शिक्षक) बना दिया गया। जो शिक्षामित्र अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त हुए थे और फिर शिक्षक बन गए, वे सभी पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के दायरे में आते हैं। लेकिन अब तक इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसी को लेकर सभी शिक्षकों ने कोर्ट में अपील किया था, हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है।
हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
आपको बता दें की शिक्षामित्र से शिक्षक बने तमाम लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इनका कहना है कि वे पुरानी पेंशन योजना के लिए पात्र हैं, इसलिए उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए। आपको बता दें की हाई कोर्ट ने पहले भी विभाग को आदेश दिया था कि तीन महीने में इसका निस्तारण किया जाए। लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ, इस पर शिक्षकों ने अवमानना याचिका (contempt petition) दाखिल की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब पुरे मामले के ऊपर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर 4 सितंबर 2025 तक फैसला नहीं लिया जाता, तो बेसिक शिक्षा सचिव को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
आखिर कार शिक्षकों की मांग क्या है
आइए अब विस्तार पूर्वक हम आपको बताते हैं कि शिक्षकों की मांग क्या है। जैसे जितने भी शिक्षक जो 2005 से पहले पद पर नियुक्त किए गए हैं वह सभी शिक्षक पुराने पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि उन तमाम शिक्षकों ने सबसे पहले सरकार के पास जाकर अर्जी लगाई थी, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम न उठाने पर वह नवंबर 2024 में उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने सचिन को 3 महीने के अंदर फैसला लेने का आदेश जारी किया लेकिन सचिन ने भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया। इसको देखते हुए शिक्षकों ने कोर्ट में फिर से अवमानना याचिका दाखिल कर दिया है और कोर्ट ने आदेश दिया है कि सचिव अगर 3 महीने के अंदर निर्णय नहीं लेता है तो उसको फिर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।