Outsource Employees Top News Today: उत्तर प्रदेश के तमाम संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने संविदा (Contract) कर्मचारियों की सैलरी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार का यह फैसला खासकर बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों के लिए है, इस फैसलें से उनको काफी राहत मिल सकता है। आइए विस्तारपूवर्क समझतें हैं की क्या है यूपी सरकार का फैसला, क्यों लिया गया ये निर्णय और संविदा कर्मचारियों को कैसे फायदा होगा।
सरकार द्वारा दिया गया आदेश क्या है
रिपोर्ट के अंसार उत्तर प्रदेश में तमाम संविदा कर्मचारियों की अब से सैलरी सबसे पहले दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि अब संविदा कर्मचारियों को सैलरी नियमित कर्मचारियों से पहले मिलेगी। सरकार ने सख्त आदेश जारी किया है की जब तक जितने भी संविदा कर्मचारियों मौजूद हैं उनको सैलरी नहीं मिल जाती, तब तक नियमित (पक्के) कर्मचारियों की सैलरी रोकी जाएगी। सरकार का यह आदेश बिजली विभाग के लिए खास निर्देश बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस बारे में सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा है कि बिजली विभाग में जितने भी संविदा कर्मचारियों काम कर रहे हैं उनको समय से वेतन देना हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
कब से लागू किया जायेगा ये नियम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया इस निर्णय को, जुलाई 2025 महीने में पहली बार ये नियम लागू किया जा रहा है। बिजली विभाग में जितने भी संविदा कर्मचारी जैसे की: मीटर रीडर वाले, लाइनमैन और दूसरे वेतन भोगी संविदा कर्मचारी सब से सबको सबसे पहले सैलरी दी जाएगी। सैलरी पहले ना देने जाने पर विभाग द्वारा कार्रवाई भी की जा सकती है।
सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
यूपी सरकार को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि जितने भी संविदा कर्मचारी हैं जो अलग अलग विभाग में काम कर रहे हैं उनकी सैलरी में देरी होती है। कभी-कभी तो ऐसे होता है की उनकी सैलरी में कटौती भी कर दी जाती है। इसी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब संविदा कर्मचारियों का शोषण नहीं होगा और उनकी सैलरी समय से मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संविदा कर्मचारियों की सैलरी के लिए अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितने भी संविदा कर्मचारी हैं जो अलग अलग विभाग में तैनात हैं उनको सैलरी हर महीने की 5 तारीख तक उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जानी चाहिए। उन्होंने यह भी साफ साफ़ कहा है की आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह होना चाहिए।
कितने संविदा कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार द्वारा लोइये गए इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में तक़रीबन 11 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारी को इसका फायदा मिलेगा। ये सभी अब इस नए आदेश से राहत की सांस ले रहे हैं। यूपी सरकार ने आउटसोर्सिंग एजेंसियों को साफ साफ़ कहा है कि यूपी के अंडर जितने भी एजेंसियां हैं जो संविदा कर्मचारियों की चयन करती है उन अब से वेतन में कोई हेरफेर नहीं करेंगी। तमाम संविदा कर्मचारियों को पूरी सैलरी समय पर देनी होगी। किसी भी तरह की कटौती का भुगतान भी समय से करना होगा। ऐसा ना करने पर उस एजेंसी पर कार्यवाही भी की जा सकती है।