UP Teacher Allowance Good News: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के तमाम शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार का मकसद है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और बच्चों को बेहतर पढ़ाई मिल सके। इसी कड़ी में सरकार ने Academic Resource Person (ARP), State Resource Group (SRG) और DIET मेंटर के भत्ते बढ़ाने का फैसला किया है। आइए विस्तारपूवर्क समझतें हैं की यूपी सरकार ने यह फैसला क्यों लिया और इसका फायदा किन किन शिक्षकों को होगा।
अब आप में से काफी लोग सोच रहे होंगे की किसको किसको मिलता है ये भत्ता? आपको बता दें की यूपी के प्राथमिक स्कूलों में कुछ शिक्षक ऐसे चुने जाते हैं, जो शिक्षण कार्य में मदद करने और गुणवत्ता सुधारने का काम करते हैं। इन्हें कहा जाता है: ARP (Academic Resource Person), SRG (State Resource Group), DIET Mentor (डायट मेंटर) ये शिक्षक दूसरे शिक्षकों को पढ़ाई में सहायता करते हैं, ट्रेनिंग देते हैं, स्कूलों में जाकर निगरानी करते हैं और बच्चों के सीखने के स्तर पर ध्यान देते हैं।
कितना बढ़ेगा भत्ता?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पहले इन शिक्षकों को ₹2500 प्रति महीना वाहन भत्ता मिलता था। अब इसे बढ़ाकर ₹4500 प्रति महीना कर दिया गया है। डायट मेंटर का भत्ता पहले ₹1000 था, अब उसे बढ़ाकर ₹2000 प्रति महीना कर दिया गया है। यानी कुल मिलाकर 55% की बढ़ोतरी की गई है।
सरकार ने क्यों लिया ये निर्णय
रिपोर्ट के अनुसार हमे पता चला की इन शिक्षकों का काम सिर्फ पढ़ाना नहीं होता, बल्कि वे लगातार स्कूलों का दौरा करते हैं, कार्यशालाएं करते हैं और अन्य शिक्षकों को ट्रेनिंग देते हैं। ये शिक्षक स्कूलों में जाकर बच्चों के सीखने के स्तर को सुधारने पर फोकस करते हैं। पहले से जो भत्ता दिया जाता था, वो बहुत कम था, जिससे इन शिक्षकों को आने-जाने में परेशानी होती थी। अब भत्ता बढ़ने से उन्हें सहूलियत मिलेगी और वे अपने कार्य को बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
कितने शिक्षक कर रहे हैं ये काम? ARP (Academic Resource Person) – हर ब्लॉक में 6 ARP होते हैं। DIET मेंटर – हर ब्लॉक में 1 डायट मेंटर होता है। SRG (State Resource Group) – हर जिले में 3 SRG तैनात हैं। रिपोर्ट के अनुसार पूरे उत्तर प्रदेश में: ARP + SRG + DIET मेंटर की कुल संख्या – 5181 है।
कब से लागू होगा नया भत्ता?
अब जानतें हैं की ये कब से लागू होगा नया भत्ता। पहली बार इनका भत्ता 22 अक्टूबर 2019 को तय किया गया था। करीब 6 साल बाद अब इसे बढ़ा दिया गया है। इससे इन शिक्षकों को राहत मिलेगी और वे ज्यादा प्रभावी ढंग से शिक्षा सुधार में योगदान दे सकेंगे।